भारत में इस समय कोरोना वायरस के वजह से किसानो को कई सारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस कोरोना संकट में, किसान वही हैं जो सरकार द्वारा लगाए गए बंद के कारण सबसे अधिक पीड़ित हैं। हालाँकि, सरकार ने कई स्थानों पर ‘अनलॉक’ की शुरुआत की है, लेकिन यह मुश्किल उन सभी समस्याओं को हल करती है जो पिछले चार महीनों से किसानों का सामना कर रही हैं। किसानो के आगे कई सारी आर्थिक परेशानियाँ आई है जिससे बाहर निकल पाना उनके लिए मुश्किल हो रहा है।
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बता दें, हाल की रिपोर्टों के अनुसार, जो किसान किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण ले रहे हैं, उन्हें 31 अगस्त से पहले ऋण राशि लौटानी होगी। अन्यथा, वे ऋण पर 3 प्रतिशत ब्याज छूट का लाभ नहीं उठा पाएंगे। बता दें, आमतौर पर, किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) द्वारा लिए गए ऋण को 31 मार्च तक वापस करना होता है, लेकिन इस बाद कोरोना वायरस के वजह से लॉकडाउन के कारण सरकार ने इस समय सीमा को बड़ा दिया गया है, इससे 31 अगस्त कर दिया।।
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि कोरोना तालाबंदी के बीच किसानों की परेशानी को देखते हुए सरकार ने यह निर्णय लिया। वर्तमान परिदृश्य को देखते हुए समयसीमा को बढ़ाकर 31 अगस्त कर दिया गया था। इससे किसानो को काफी हद तक राहत मिलेगी और उसने राशि जमा करने का समय भी मिलेगा।
जो किसान 31 अगस्त तक राशि वापस करेंगे, उन्हें केवल 4 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करने की आवश्यकता है। सूत्रों के अनुसार इस तारीख के बाद किसानों को कर्ज चुकाने वाले को 7 प्रतिशत ब्याज देना होगा।
किसानों को कृषि कार्य पर 9% ब्याज मिलता है, लेकिन सरकार 3 लाख रुपये तक के अल्पकालिक ऋण के लिए 2% की सब्सिडी प्रदान करती है। इस वजह से किसानों को यह कर्ज 7 प्रतिशत ब्याज दर पर मिलता है। इसके अलावा, यदि वे समय पर ऋण चुकाते हैं, तो उन्हें 3 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट दी जाती है। यानि की उन्हें केवल 4 प्रतिशत ब्याज का भुगतान करना पड़ेगा।