कोरोना वैश्विक महामारी के कारण लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के चलते प्रवासी मजदूरों को अपने परिवार का भरण-पोषण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. श्रमिकों को उनके गृह जिले पहुंचाने के “श्रमिक स्पेशल ट्रेने” भी चलाई गयी है ताकि उनकी कुशल घर वापसी हो सके. राज्य सरकार प्रवासी मजदूरों को दो महीने तक निःशुल्क राशन बांटेगी. केंद्र सरकार के आर्थिक पैकेज के तहत यह पहली योजना है, जिसके तहत अकेले गाजियाबाद में तक़रीबन 40 हजार प्रवासी मजदूरों के परिवारों के राशन कार्ड बनाएं जायेगें.
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इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए शाशन स्तर से डीएम की अध्यक्षता में 6 सदस्यीय एक समिति का गठन किया गया है. शहरी क्षेत्र में नगर आयुक्त/ उपखण्ड अधिकारी और ग्रामीण क्षेत्रों में विकास अधिकारी (BDO) द्वारा प्रवासी कामगारों की रिपोर्ट तैयार कर जिला आपूर्ति अधिकारी (नागरिक सुरक्षा एवं खाद्य आपूर्ति विभाग) को सौंप दी जायेगी. प्राप्त आंकड़ों को ऑनलाइन पोर्टल पर फीड किया जाएगा, और उसके बाद उन्हें राशन कार्ड मुहैया कराया जाएगा. प्रवासी मजदूरों को तीन किलो गेहूं, दो किलो चावल प्रति यूनिट, और एक किलो चना प्रति राशन कार्ड धारक को दिया जाएगा.
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प्राप्त जानकारी के अनुसार अप्रैल में 15627 मीटिक टन, व मई माह में 19188 मीटिक टन खाद्यान्न वितरित किया गया. केंद्र सरकार के राहत पैकेज योजना में प्रवासी मजदूरों को राशन कार्ड मुहैया कराकर उन्हें राशन सामग्री वितरित की जायेगी। आप जानकारी के लिए हम आपको बता दें की अकेले गाज़ियाबाद में तक़रीबन 40 हजार प्रवासी मजदूरों राशन कार्ड प्रदान किया जाएगा, और उन्हें निशुल्क 3 किलो गेहूं प्रति यूनिट, 2 किलो चावल, और 1 किलो चना प्रदान किया जाएगा. यह योजना मई व जून के लिए है.
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