ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के लिए स्मार्ट फोन उपलब्ध कराना महंगा पड़ा
जयपुर के हरमाड़ा इलाके का रहने वाला यह लड़का आठवीं कक्षा में है. ऑनलाइन क्लास होने की वजह से घरवालों ने इस बच्चे को स्मार्टफोन दे दिया था. स्मार्टफोन पर ऑनलाइन गेम खेलने से यह अजीब सा माहौल पैदा हो गया। ऑनलाइन कोर्स करने के बाद वह हर समय गेम खेलने लगा। आखिरकार, उसका दिमाग इतना तेज हो गया कि उसने अपने ही परिवार के सदस्यों पर साइबर हमला कर दिया। जयपुर पुलिस की टीम ने बच्चे से मशविरा किया है। अब वह बच्चा सामान्य बताया जा रहा है।
घर की दीवारों पर चिपकाई पुरानी यूनिटों ने बनाया डर का माहौल
माता-पिता का मोबाइल हैक होने से इस बच्चे ने परिवार में भय का माहौल बना दिया। पुराने मोबाइल उपकरणों को घर के प्रवेश द्वार, बालकनी, डाइनिंग टेबल, वाचनालय और रसोई जैसे प्रमुख स्थानों पर काटकर चिपका दिया गया था। इससे ऐसा लग रहा था कि कोई उसकी जासूसी कर रहा है। पुराने सिम कार्ड, मेमोरी कार्ड और अन्य उपकरणों को गुप्त रूप से विभिन्न स्थानों पर चिपकाए जाने से परिवार के सदस्य घबरा गए। जब खुलासा हुआ कि यह हरकत किसी साइबर हैकर या जासूस ने नहीं बल्कि उसके घर के किसी बच्चे ने की है। तब जाकर परिजनों ने राहत की सांस ली।
माता-पिता स्मार्ट फोन देते समय रखें बच्चों पर नजर : साइबर विशेषज्ञ मुकेश चौधरी
साइबर एक्सपर्ट मुकेश चौधरी का कहना है कि बच्चों को स्मार्टफोन देते समय माता-पिता को बच्चों का ध्यान रखना चाहिए। बच्चे अपने मोबाइल फोन पर क्या देखते हैं, कब तक देखते हैं। वह एक ही चीज़ को बार-बार देखने के लिए नहीं मुड़ा। इन सभी बातों का ध्यान परिवार वालों को रखना चाहिए।
स्कूल की ऑनलाइन क्लास के तुरंत बाद भी बच्चों से मोबाइल फोन जरूर लेना चाहिए। बच्चों को मोबाइल फोन देने के बाद उन्हें अकेले चलने से रोकना चाहिए। यदि बच्चा अपने भाई-बहन, माता-पिता या अन्य रिश्तेदारों के बीच में रहता है, तो वह ऐसा कार्य नहीं कर पाएगा।
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