सीएमओ ने दी जानकारी
वहीं सीएओ डॉ एसपी गौतम ने बताया कि सोमवार को मामले की जांच की गई, जहां प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने पर स्टाफ नर्स जगमीत कौर को निलंबित कर दिया गया है. गौतम के मुताबिक जांच रिपोर्ट आने के बाद नियमानुसार दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने बताया कि गर्भवती महिला किरण रविवार शाम दो बजे बांदा स्वास्थ्य केंद्र आई थी. वहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की और सुबह आठ बजे उसने एक बच्चे को जन्म दिया। सीएमओ के मुताबिक सांस लेने में तकलीफ के चलते बच्चे को मेडिकल कॉलेज शाहजहांपुर रेफर कर दिया गया था. उन्होंने बताया कि बच्चे के परिजन उसे मेडिकल कॉलेज ले जाने के बजाय निजी अस्पताल ले गए। जहां बच्चे की मौत हो गई, जबकि मां अभी अस्पताल में भर्ती है और वह स्वस्थ है.
पीड़ित परिवार ने किया था दावा
प्राप्त जानकारी के अनुसार बांदा क्षेत्र के अवधेश राठौर ने सुबह दो बजे अपनी गर्भवती पत्नी को बांदा सीएचसी में भर्ती कराया था. सुबह करीब 8 बजे जन्म के बाद नवजात की हालत बिगड़ गई थी, जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे रेफर करने को कहा तो वह उसे पुवायं के एक निजी अस्पताल ले गया। जहां नवजात की मौत हो गई। इस बारे में पीड़िता ने स्टाफ नर्स पर आरोप लगाया था क्योंकि वह अक्सर स्टाफ नर्स से अपनी पत्नी की स्थिति के बारे में जानना चाहती थी कि अगर उसे जन्म लेने में कोई समस्या आती है, तो वह उसे बताए ताकि वह एक अच्छे अस्पताल में जा सके, मैं मेरी पत्नी को खिला सकता था। वहीं नवजात शिशु की मौत के बाद पीड़ित परिवार ने सीएम योगी, सहायक सीएम समेत कई लोगों से ट्वीट कर न्याय की गुहार लगाई थी.