पीड़िता ने कहा कि कुछ दिनों बाद उसे बताया गया कि वह अल्पसंख्यक समुदाय से है। उसने कहा कि मैंने उस समय इस मुद्दे को नहीं उठाया था क्योंकि तब तक मैं आरोपी इंस्पेक्टर के संपर्क में आ चुकी थी. मुझे तब जाना पड़ा जब वह शादी से इंकार कर अपने कमरे से निकल गया। मेरे पास जो नंबर था वह हमेशा के लिए सस्पेंड कर दिया गया था। एक दिन मैंने उसे दूसरी लड़की के साथ देखा, फिर हमने पुलिस से शिकायत की कि मेरी तरह इस इंस्पेक्टर द्वारा किसी और लड़की की जिंदगी बर्बाद नहीं की जानी चाहिए।
इस संबंध में अपर पुलिस प्रमुख शिवराज ने बताया कि जिले में तैनात एक निरीक्षक वासी खां पर आरोप लगाने वाली एक महिला ने आवेदन दिया था. इसकी पहली जांच इंस्पेक्टर महिला थाना ने की थी। प्रथम दृष्टया दोषी पाए जाने के बाद इंस्पेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी व कदाचार समेत विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है।
इनपुट- विशाल सिंह